Congress held a strong demonstration demanding the removal of SEBI chief from the post

सेबी प्रमुख को पद से हटाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया जोरदार प्रदर्शन

Congress held a strong demonstration demanding the removal of SEBI chief from the post

Congress held a strong demonstration demanding the removal of SEBI chief from the post

Congress held a strong demonstration demanding the removal of SEBI chief from the post- चंडीगढ़। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर हुए खुलासे के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ने चंडीगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के नेतृत्व में पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मु यालय से लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) के कार्यालय तक पैदल रोष मार्च निकाला। कांग्रेसजनों ने हाथों में बैनर लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और ईडी द तर का घेराव करने के लिए आगे बढ़े। पुलिस ने तानाशाही दिखाते हुए जबरदस्ती उनको रोका और लाठीचार्ज किया। इसमें कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई। पुलिस ने ईडी ऑफिस के पास चौधरी उदयभान, सांसद जयप्रकाश जेपी, सांसद चौधरी वरुण मुलाना, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, कई विधायकों और वरिष्ठ नेताओं समेत करीब 500 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।

चौधरी उदयभान ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने सेबी प्रमुख के इस्तीफे की मांग की और कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस की आवाज को दबा नहीं सकती। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का मामला मोदी के दोस्त अडानी से जुड़ा है, इसलिए प्रधानमंत्री चुप हैं। उनकी यह चुप्पी शेयर मार्केट से जुड़े करोड़ों लोगों के विश्वास को तोड़ रही है। पूरे मामले को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाई जानी चाहिए। उन्होंने सवाल पूछा कि जो ईडी विपक्षी नेताओं पर झूठे केस बनाती है, वह हिंडनबर्ग के इतने बड़े खुलासे के बाद भी चुप क्यों है?

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद हमारे नेता राहुल गांधी ने संसद के अंदर भाजपा सरकार का चेहरा बेनकाब कर दिया था। अडानी और मोदी के संबंधों के बारे में सवाल उठाए थे। पूछा था कि अडानी ग्रुप में 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश किसने किया था। उस रिपोर्ट पर भाजपा के पास कोई जवाब नहीं था। इससे शेयर मार्केट गिर गया था और अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सेबी को दी। अब हिंडनबर्ग की दूसरी रिपोर्ट से फिर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस सेबी प्रमुख को जांच सौंपी गई थी, वह और उनके पति खुद अडानी की कंपनियों में संलिप्त हैं। देश जानना चाहता है कि सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने अडानी समूह की जांच के दौरान सुप्रीम कोर्ट और जांच समिति से अडानी की कंपनी में शेयर होने की बात को क्यों छुपाई?

माधबी बुच को बताना चाहिए कि पद पर आने से पहले उनकी कंपनी को अडानी के शेयरों से कितना लाभ हुआ और पति के नाम कंपनी करने के बाद उनसे कितना लाभ हुआ है? माधबी बुच को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस सरकार से जेपीसी की मांग कर रही है, लेकिन मोदी सरकार लगातार हमारी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। क्या मोदी इसलिए चुप हैं क्योंकि अडानी उनके दोस्त हैं या उनकी कंपनी में मोदी का भी हिस्सा है? प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में अपनी चुप्पी तोडक़र सेबी प्रमुख को पद से हटाना चाहिए।

चौधरी उदयभान ने कहा कि देश में आज जांच एजेंसी ईडी, सीबाआई और इनकम टैक्स का प्रयोग विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है। विपक्ष की सरकार को गिराने में इन एजेंसियों का प्रयोग किया जा रहा है। विपक्षी नेताओं पर झूठे मुकद्दमे दर्ज किए जा रहे हैं और जो भाजपा में चला जाता है, वह पूरी तरह से साफ हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट की साख भी दांव पर है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेकर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज हर मोर्चे पर प्रदेश व केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह से विफल है। प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई और अपराध बेलगाम हो चुका है। पर्चे लीक हो रहे हैं और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। सरकार आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आए दिन व्यापारियों से फिरौती मांगी जा रही है। वहीं, हम दस साल पहले के कांग्रेस कार्यकाल की बात करें तो प्रदेश प्रति व्यक्ति निवेश, प्रति व्यक्ति आय, विकास, खेल और महिला सुरक्षा में नंबर एक पर था। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाकर इस जनविरोधी भाजपा सरकार का चेहरा बेनकाब करें। इस सरकार को जड़ से उखाडऩे का काम करें। आज प्रदर्शन में विधायक जगबीर मलिक, गीता भुक्कल, जयवीर वाल्मीकि, बिशनलाल सैनी, मेवा सिंह, वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, सुभाष चौधरी, लहरी सिंह, जसबीर मलौर, अर्जुन सिंह, राकेश कंबोज, दिल्लू राम बाजीगर, सुखबीर फरमाणा, मीडिया प्रभारी चांदवीर हुड्डा, सूरजभान काजल और अंकुर गुलाटी समेत कई नेता व हजारों कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।